भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज यानी 3 अक्टूबर को एक कार्यक्रम के दौरान कहा कि टैरिफ और भू-राजनीतिक तनावों की वजह से वैश्विक अर्थव्यवस्था एक बड़े बदलाव के दौर से गुजर रही है. इसके बावजूद भारत 8 प्रतिशत GDP ग्रोथ हासिल करने के लक्ष्य पर बना हुआ है. यह वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज कौटिल्य आर्थिक सम्मेलन 2025 में उद्घाटन भाषण के दौरान कहा है.
साल 2047 तक विकसित भारत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि वह साल 2047 तक विकसित भारत बने और इसके लिए 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बेहद जरूरी है. इसके अलावा विकसित भारत बनने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम दुनिया से अलग हो जाएंगे. हम बंद अर्थव्यवस्था नहीं बनना चाहते. आगे वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में इस समय असामान्य अस्थिरता है, लेकिन भारत के पास बाहरी झटकों को झेलने की ताकत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ रहे हैं. प्रतिबंध, टैरिफ और अलगाव जैसे कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदल रहे हैं. भारत के लिए यह स्थिति एक साथ चुनौती और मौका दोनों है.
WTO, IMF में सुधार जरूरी
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक संस्थाएं जैसे WTO, IMF आदि को कमजोर बताया और कहा कि वैश्विक संस्थाएं जैसे WTO, IMF आदि कमजोर हो रही हैं, जिससे वैश्विक विश्वास घट रहा है. इन संस्थानों में सुधार जरूरी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में स्थिरता लाई जा सके. आगे उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है. आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में निवेश कम हो रहे हैं और विकास के बीच हमेशा संघर्ष बना रहता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत घरेलू सुधारों के साथ-साथ वैश्विक सहयोग भी बनाए रखना चाहता है. हमारा मकसद यह है कि हम वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी अपनी विकास गति बनाए रखें.
साल 2047 तक विकसित भारत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत का लक्ष्य है कि वह साल 2047 तक विकसित भारत बने और इसके लिए 8 प्रतिशत की आर्थिक वृद्धि दर बेहद जरूरी है. इसके अलावा विकसित भारत बनने के लिए आत्मनिर्भरता जरूरी है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि हम दुनिया से अलग हो जाएंगे. हम बंद अर्थव्यवस्था नहीं बनना चाहते. आगे वित्त मंत्री ने कहा कि दुनिया में इस समय असामान्य अस्थिरता है, लेकिन भारत के पास बाहरी झटकों को झेलने की ताकत है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि दुनिया भर में भू-राजनीतिक संघर्ष बढ़ रहे हैं. प्रतिबंध, टैरिफ और अलगाव जैसे कदम वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं को बदल रहे हैं. भारत के लिए यह स्थिति एक साथ चुनौती और मौका दोनों है.
WTO, IMF में सुधार जरूरी
इस दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वैश्विक संस्थाएं जैसे WTO, IMF आदि को कमजोर बताया और कहा कि वैश्विक संस्थाएं जैसे WTO, IMF आदि कमजोर हो रही हैं, जिससे वैश्विक विश्वास घट रहा है. इन संस्थानों में सुधार जरूरी है, जिससे अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश में स्थिरता लाई जा सके. आगे उन्होंने कहा कि इस समय पूरी दुनिया एक ऐतिहासिक मोड़ पर खड़ी है. आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में निवेश कम हो रहे हैं और विकास के बीच हमेशा संघर्ष बना रहता है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भारत घरेलू सुधारों के साथ-साथ वैश्विक सहयोग भी बनाए रखना चाहता है. हमारा मकसद यह है कि हम वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भी अपनी विकास गति बनाए रखें.
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