पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया है। पहलगाम हमले के बाद भारत लगातार एक्शन ले रहा है। अब पाकिस्तान को इस बात का डर सता रहा है कि भारत जल्द ही हमला करने की तैयारी में है। इसको देखते हुए पाकिस्तान ने भी तैयारी शुरू कर दी है। पाकिस्तान के सैन्य सूत्रों के अनुसार, भारतीय कार्रवाई से निपटने के लिए पाकिस्तानी नौसेना के जहाजों, जिनमें इसकी फ्रिगेट्स और पनडुब्बी शामिल हैं को समुद्र में बंदरगाहों पर तैनात कर दिया गया है।
सूत्रों के अनुसार, इस बीच पाकिस्तान वायु सेना ने उड़ान के संचालन को 50 प्रतिशत से अधिक कम कर दिया है और हवाई क्षेत्र में भ्रम से बचने के लिए केवल जरूरी संचालन किए जा रहे हैं। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं। पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने दावा किया कि भारत अगले 24 से 36 घंटे के अंदर पाकिस्तान पर सैन्य कार्रवाई कर सकता है।
पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार ने बुधवार को अपने एक्स अकाउंट पर एक बयान जारी किया। उन्होंने अपने बयान में कहा, “पाकिस्तान को पुख्ता जानकारी मिली है कि भारत अगले 24-36 घंटों में पहलगाम घटना के आधार पर पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करने की योजना बना रहा है।” उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार देश के रूप में पाकिस्तान ने सच्चाई का पता लगाने के लिए एक निष्पक्ष, पारदर्शी और स्वतंत्र जांच आयोग द्वारा जांच की पेशकश की थी। दुर्भाग्यवश, भारत ने तर्कसंगत रास्ता अपनाने के बजाय तर्कहीनता और टकराव का खतरनाक रास्ता चुना है, जिसके पूरे क्षेत्र और उससे बाहर विनाशकारी परिणाम होंगे।
पाकिस्तान के विदेश मंत्री इशाक डार ने कहा कि उन्होंने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रेस बयान से आतंकवादी संगठन ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट (टीआरएफ)’ का उल्लेख हटाने के लिए दबाव डाला। प्रस्ताव में पहलगाम आतंकवादी हमले की निंदा की गई थी। पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में 29 अप्रैल को बोलते हुए डार ने खुलासा किया कि इस्लामाबाद ने परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में अपने पद का इस्तेमाल अमेरिका की तरफ से प्रस्तावित बयान की भाषा को बदलने के लिए किया।
इसमें मूल रूप से प्रतिबंधित आतंकवादी समूह ‘लश्कर-ए-तैयबा’ से जुड़े ‘टीआरएफ’ का नाम लेकर उसकी निंदा की गई थी। बता दें टीआरएफ ने पहलगाम नरसंहार की जिम्मेदारी ली है। यूएनएससी प्रेस वक्तव्य एक घोषणा है जिस पर सभी 15 सदस्य देश सहमत होते हैं। प्रेस वक्तव्य जारी करने के लिए सुरक्षा परिषद के हर एक सदस्य को अंतिम पाठ पर अपनी स्वीकृति देनी होती है। डार ने टीआरएफ के लिए एक दूसरे नाम का इस्तेमाल करते हुए कहा, “पाकिस्तान की ओर से मुझे [बयान पर] दो आपत्तियां थीं।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के ठीक एक सप्ताह बाद मंगलवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की। सूत्रों ने बताया कि उन्होंने आतंकवाद पर ‘करारा प्रहार’ करने के लिए सेना को खुली छूट दे दी है। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान के साथ ही सेना, नौसेना तथा वायु सेना के प्रमुख भी मौजूद थे।
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