दही एक ऐसा स्वास्थ्यवर्धक आहार है जो भारतीय भोजन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि शरीर के लिए भी फायदेमंद है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि बाजार में बिकने वाला दही हमेशा शुद्ध नहीं होता? मिलावटी दही सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। इसलिए, यह समझना जरूरी है कि असली और नकली दही को कैसे पहचाना जाए। FSSAI (Food Safety and Standards Authority of India) ने इस संदर्भ में कुछ गाइडलाइन्स जारी की हैं, जिनकी मदद से आप दही में मिलावट से बच सकते हैं।
इस लेख में हम आपको FSSAI की गाइडलाइन्स के बारे में बताएंगे और यह भी बताएंगे कि कैसे आप घर पर ही असली और नकली दही की पहचान कर सकते हैं।
दही में मिलावट क्या होती है?
दही में मिलावट तब होती है जब इसमें अन्य घटक मिलाए जाते हैं, जैसे स्टेरॉयड, खट्टा करने वाले रसायन (जैसे सल्फ्यूरिक एसिड, साइट्रिक एसिड), या अन्य दूध के उत्पादों की मात्रा बढ़ाई जाती है। ये मिलावटें दही का स्वाद तो प्रभावित नहीं करतीं, लेकिन वे सेहत के लिए हानिकारक हो सकती हैं। कभी-कभी, नकली दही में पानी की मात्रा अधिक होती है, जिससे इसका स्वाद भी सही नहीं होता।
FSSAI गाइडलाइन्स: दही में मिलावट से बचने के तरीके
FSSAI ने मिलावटी दही से बचने के लिए कुछ महत्वपूर्ण गाइडलाइन्स जारी की हैं। इन गाइडलाइन्स को जानकर आप दही की गुणवत्ता की जांच कर सकते हैं और शुद्ध दही का चयन कर सकते हैं।
हमेशा पैकaged दही खरीदें, जो FSSAI द्वारा मान्यता प्राप्त हो। पैकेज पर FSSAI की लाइसेंस नंबर जरूर चेक करें। यह सुनिश्चित करता है कि उत्पाद सुरक्षित और मानकों के अनुसार है।
असली दही में गाढ़ापन होता है और इसकी संरचना पेस्ट जैसी होती है। अगर दही बहुत पतला या पानीदार लगे, तो यह मिलावटी हो सकता है।
असली दही में हल्का खट्टापन और मलाईदार स्वाद होता है। यदि दही का स्वाद ज्यादा खट्टा या रासायनिक लगे, तो यह मिलावटी हो सकता है।
आप घर पर भी दही में मिलावट की पहचान कर सकते हैं। एक आसान तरीका है दही को पानी में मिलाकर देखना। अगर दही में पानी की मात्रा अधिक हो तो यह मिलावटी हो सकता है। असली दही में पानी नहीं दिखेगा और यह एकदम स्थिर रहेगा।
कैसे पहचानें असली और नकली दही?
असली दही प्रोबायोटिक्स से भरपूर होता है, जो शरीर में अच्छे बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है और पाचन को सुधारता है। वहीं, मिलावटी दही में ऐसे गुण नहीं होते और यह पाचन को नुकसान भी पहुंचा सकता है।
असली दही का रंग हल्का सफेद या क्रीम जैसा होता है। नकली दही में रंग का फर्क हो सकता है और यह ज्यादा सफेद या हल्का पीला दिख सकता है।
असली दही में ऊपर मलाई की एक परत बन जाती है, जो दूध की समृद्धता को दर्शाती है। नकली दही में यह परत नहीं दिखती।
दही में मिलावट से बचने के लिए FSSAI की अनुशंसा
FSSAI दही की गुणवत्ता को लेकर सख्त मानक निर्धारित करता है और उपभोक्ताओं को मिलावटी उत्पादों से बचाने के लिए नियमित निरीक्षण करता है। इसके अलावा, FSSAI उपभोक्ताओं से अपील करता है कि वे हर बार खरीदारी करते समय उत्पाद की पैकिंग पर सारी जानकारी देखें, ताकि उन्हें कोई नुकसान न हो।
दही एक बहुत ही पौष्टिक आहार है, लेकिन इसके असली और नकली रूपों में फर्क करना जरूरी है। FSSAI की गाइडलाइन्स का पालन करके आप शुद्ध दही का चयन कर सकते हैं और अपनी सेहत को सुरक्षित रख सकते हैं। याद रखें, दही का सही चुनाव आपके स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
अगली बार जब आप दही खरीदें, तो पैकिंग, ब्रांड और टेस्ट को ध्यान में रखें, ताकि आप मिलावटी दही से बच सकें और अपने शरीर को शुद्ध और सेहतमंद उत्पाद दें।
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