दिल्ली के पास ग्रेटर नोएडा के दादरी इलाक़े के जिस घर में निक्की का हंसता-खेलता बचपन बीता था, वहां अब किसी की आंखों में आंसू हैं, किसी के चेहरे पर आक्रोश है और कोई सदमे में है.
21 अगस्त को निक्की नाम की युवती की ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में आग में झुलसकर मौत हो गई.
इसका आरोप ससुराल पक्ष पर है, जिसमें मुख्य अभियुक्त निक्की के पति विपिन को बनाया गया है.
निक्की के साथ हुई हिंसा का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. दावा किया जा रहा है कि यह वीडियो निक्की की बहन ने उनकी मौत से पहले बनाया था. अभियुक्त विपिन का दावा है कि वह निर्दोष है और निक्की की मौत ख़ुद-ब-ख़ुद हुई.
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निक्की के पिता का आरोप है कि पति विपिन और ससुराल पक्ष की ओर से लगातार महंगी गाड़ी और 36 लाख रुपये की मांग की जा रही थी.
इसी वजह से निक्की के साथ हिंसा होती थी.
पुलिस ने अभियुक्त विपिन, निक्की की सास दयावती, ससुर सतवीर और विपिन के भाई रोहित को गिरफ़्तार कर लिया है.
नोटबंदी के दौरान हुई थी शादीदादरी के रूपवास गांव की रहने वालीं निक्की और उनकी बड़ी बहन कंचन की शादी दिसंबर 2016 में ग्रेटर नोएडा के सिरसा गांव में एक ही परिवार के दो भाइयों से हुई थी.
उस वक़्त देश में नोटबंदी के बाद ज़्यादातर लोगों के पास नक़दी की कमी थी. निक्की के पिता भिखारी सिंह ने बीबीसी हिन्दी को बताया कि उन्होंने फिर भी शादी के ख़र्च में कोई कमी नहीं रखी.
उनका दावा है कि निक्की के पति को शादी के बाद एक कार भी दी गई थी. लेकिन उनका आरोप है कि ससुराल वाले लगातार महंगी गाड़ी और क़रीब 36 लाख रुपये की मांग कर रहे थे.

भिखारी सिंह बताते हैं, "बड़ी बहन कंचन ने ख़ुद निक्की के साथ हो रही मारपीट के वीडियो बनाए. उसने बचाने की पूरी कोशिश की लेकिन निक्की को आग के हवाले कर दिया गया. इसके बाद वह कंबल में लपेट कर निक्की को पड़ोसियों की मदद से अस्पताल ले गई, लेकिन वो नहीं बच सकी."
निक्की को पास के ही एक निजी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उनका शरीर आग से काफ़ी ज़्यादा झुलस गया था और उन्हें दिल्ली के सफ़दरजंग अस्पताल रेफ़र किया गया.
लेकिन निक्की सफ़दरजंग अस्पताल पहुंच पातीं, इससे पहले ही उनकी मौत हो गई.
कंचन के बनाए वीडियो को सोशल मीडिया पर कई लोगों ने साझा किया है. अब रूपवास गांव में निक्की के परिवार और पड़ोसियों के बीच मातम और आक्रोश है.
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निक्की की दादी फूलवती ने बीबीसी हिन्दी से कहा, "अब मैं अपनी बड़ी पोती को अपने घर पर रखूंगी, नहीं तो उसे भी जीने नहीं देंगे. यहीं एक कमरा बनवा दूंगी और वो अपने बच्चों को पढ़ाएगी."
निक्की की बहन कंचन के दो बच्चे हैं, जबकि निक्की का एक बेटा है जो क़रीब छह साल का है.
सोशल मीडिया पर उसके बेटे का भी एक बयान शेयर किया जा रहा है, जिसमें वह अपनी मां के साथ हुई हिंसा के बारे में बता रहा है.
निक्की की मौसी हेमलता कहती हैं, "क्या हम बेटी को इसलिए जन्म देकर पालते हैं कि उसके साथ ऐसा हो? उसके साथ पहले भी मारपीट होती थी तो वह अपने पिता के घर आ गई थी, लेकिन पंचायत के कहने पर हमने उसे वापस ससुराल भेजा था."
हेमलता का कहना है, "हमने समाज के कहने पर समझौता किया था. ससुराल वालों ने कहा था कि अब ऐसा नहीं होगा. लेकिन देखिए, बेटी के साथ क्या हुआ."
परिवार वालों का कहना है कि क़रीब छह महीने पहले ही निक्की अपने पिता के घर आ गई थी. उसके बाद इस मामले पर पंचायत बुलाई गई थी.
निक्की के पिता ने कहा कि पंचायत के भरोसे और पति के माफ़ी मांगने के बाद निक्की को वापस ससुराल भेजा गया था.
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इस मामले में निक्की की बहन कंचन ने निक्की के पति, सास, ससुर और जेठ यानी अपने पति के ख़िलाफ़ मामला दर्ज कराया है.
पुलिस ने मामले के मुख्य अभियुक्त यानी निक्की के पति विपिन और उनकी माँ दयावती को घटना के बाद गिरफ़्तार कर लिया.
विपिन ने इस मामले में ख़ुद पर लगे आरोपों से इनकार किया है. अस्पताल में भर्ती विपिन से पत्रकारों ने इस मामले पर कई सवाल किए.
विपिन का कहना है, "न मैंने मारा है, न कुछ किया है, वो अपने आप मर गई है. मियां-बीवी में हर जगह लड़ाई होती रहती है. मुझे इससे ज़्यादा कुछ नहीं कहना है. "
पुलिस के मुताबिक़, विपिन ने रविवार को जाँच के दौरान पुलिस की गिरफ़्त से भागने की कोशिश भी की.
ग्रेटर नोएडा के एडिशनल डिप्टी कमिश्नर ऑफ़ पुलिस (एडीसीपी) सुधीर कुमार का कहना है कि इस मामले में जिस ज्वलनशील पदार्थ का इस्तेमाल किया गया था, उसकी बरामदगी के दौरान अभियुक्त ने भागने की कोशिश की थी.
एडीसीपी सुधीर कुमार ने कहा, "अभियुक्त ने दरोगा की पिस्टल छीनकर भागने का प्रयास किया. पुलिस ने अभियुक्त को घेरा, तो उसने पुलिस पर फ़ायर किया. जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोली चलाई, जो अभियुक्त के पैर में लगी."
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निक्की के पिता और अन्य रिश्तेदारों का आरोप है कि विपिन कोई काम नहीं करता था, इसलिए निक्की ने कुछ साल पहले अपनी बहन के साथ मिलकर ससुराल के घर की ऊपरी मंज़िल पर एक ब्यूटी पार्लर खोला था.
पार्लर का काम काफ़ी अच्छा चल रहा था लेकिन ससुराल वालों के दबाव में कुछ ही महीने पहले उन्हें ब्यूटी पार्लर बंद करना पड़ा.
बीबीसी ग्रेटर नोएडा में मौजूद अभियुक्त के घर पहुंचा तो वहां ताला लगा हुआ था.
इस घर में बाहर की तरफ़ कुछ दुकानें हैं, जो बंद पड़ी थीं. इन्हीं में से एक बंद पड़ी किराने की दुकान पर 'विपिन' नाम लिखा हुआ था, जो निक्की के पति का नाम है.
हालांकि, इस मामले पर विपिन के पड़ोसी भी बोलने को तैयार नहीं थे.
पड़ोस की एक महिला ने केवल इतना बताया कि निक्की के घर से पहले भी मारपीट और झगड़े की आवाज़ आती थी.
दादरी के एसएचओ अरविंद कुमार ने बीबीसी हिन्दी को बताया, "घटना की जानकारी मिलने के बाद पुलिस ने मामले की जाँच शुरू कर दी. हालांकि, निक्की के साथ पहले भी मारपीट हुई थी, ऐसी कोई सूचना पुलिस को नहीं दी गई थी."
निक्की की बड़ी बहन अब इस मामले को क़ानून के दरवाज़े तक ले गई हैं. उनके भाई अतुल को अफ़सोस है कि शायद इसमें देरी हो गई.
बीबीसी के लिए कलेक्टिव न्यूज़रूम की ओर से प्रकाशित
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