खाद्य सुरक्षा योजना के तहत राशन वितरण में ई-केवाईसी अनिवार्यता से जुड़ी बड़ी विसंगति को सरकार ने गंभीरता से लिया है। पत्रिका में रिपोर्ट प्रकाशित होने के बाद, मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल सुधार के आदेश दिए, जिससे हजारों परिवारों को राहत मिली।
खाद्य सुरक्षा योजना के लाभार्थियों को गेहूँ का राशन प्राप्त करने के लिए ई-केवाईसी अनिवार्य कर दिया गया था। पहले, अगर किसी परिवार के एक भी सदस्य के पास ई-केवाईसी नहीं होता था, तो पूरे परिवार के लिए गेहूँ का वितरण रोक दिया जाता था। ऐसे परिवारों को पीओएस मशीन पर लाल श्रेणी में रखा जाता था, जिससे सभी सदस्य प्रभावित होते थे।
पत्रिका में इस विसंगति के उजागर होने के बाद, मामला मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुँचा। मुख्यमंत्री ने इसे गंभीरता से लिया और विभागीय अधिकारियों को तुरंत व्यवस्था में सुधार के निर्देश दिए। इसके बाद, विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने पीओएस मशीन व्यवस्था में बदलाव किए हैं।
हजारों लाभार्थी परिवारों को मिलेगी राहत
नई व्यवस्था के तहत, केवल वही सदस्य गेहूँ प्राप्त करेगा जिसने ई-केवाईसी पूरा नहीं किया है, जबकि परिवार के अन्य सदस्यों को गेहूँ का राशन मिलता रहेगा। इस फैसले से हजारों लाभार्थी परिवारों को राहत मिलेगी।
वे कहते हैं:
परिवार के एक सदस्य के पास ई-केवाईसी न होने पर पूरे परिवार को गेहूँ के राशन से वंचित होना पड़ रहा था। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस व्यवस्था में बदलाव की माँग की, जिसे स्वीकार कर लिया गया है। अब केवल ई-केवाईसी न होने वालों को ही गेहूँ नहीं मिलेगा, बल्कि बाकी सभी सदस्यों को मिलेगा। हाल ही में, पीओएस मशीन से अन्य सदस्यों को गेहूँ देने का विकल्प भी शुरू किया गया है।
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