राजस्थान के रामगढ़ विषधारी और मुकुंदरा हिल्स टाइगर रिजर्व में बाघों की कमी के कारण पर्यटन प्रभावित हो रहा है। एनटीसीए से मंजूरी मिलने के बाद भी दोनों रिजर्व में बाघ नहीं लाए जा सके। रामगढ़ विषधारी में फिलहाल दो बाघ, एक बाघिन और तीन शावक हैं। मुकुंदरा हिल्स में सिर्फ एक बाघ और एक बाघिन है। अभेड़ा बायोलॉजिकल पार्क से लाई गई बाघिन फिलहाल बंद है।
वहीं रणथंभौर में 73 बाघ-बाघिन और सरिस्का में 45 बाघ-बाघिन हैं। सरिस्का में पिछले छह माह में 18 शावकों ने जन्म लिया है। इन रिजर्व में बाघों की बढ़ती संख्या के कारण वे नए क्षेत्रों की तलाश में निकल रहे हैं। रामगढ़ में तीन और मुकुंदरा में पांच पर्यटन जोन में टाइगर सफारी की अनुमति है, लेकिन पर्यटकों की कमी के कारण सफारी वाहन बेकार पड़े हैं। रामगढ़ विषधारी में 9 अधिकृत जिप्सियां हैं, जिनमें से अधिकांश का एक साल से उपयोग नहीं हुआ है। वन विभाग द्वारा तय किए गए सफारी रूट न तो सुरक्षित हैं और न ही वन्य जीवों से भरपूर हैं।
पर्यटकों को ऐसे इलाकों में ले जाया जाता है, जहां नीलगाय के अलावा कोई वन्यजीव नजर नहीं आता। महंगी टिकट खरीदकर बाघ देखने आने वाले पर्यटक निराश होकर लौट रहे हैं। रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व के उप वन संरक्षक अरविंद झा ने बताया कि रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में प्रगति की कोई कमी नहीं है। मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र से बाघिनें लाई जानी हैं। स्थानीय स्तर पर बाघ और बाघिनों को लाने की सभी तैयारियां हो चुकी हैं। हाल ही में 250 चीतल लाने की मंजूरी मिली है, जिन्हें चरणबद्ध तरीके से लाया जाएगा।
You may also like
सीमा हैदर पर जानलेवा हमला... घर में घुसकर मारने की कोशिश, गुजरात से आए आरोपी ने की काला-जादू वाली बात
Sudden Weather Shift Brings Rain and Hail to Rajasthan; Jaipur Sees 10°C Temperature Drop
सीएसके कोच फ्लेमिंग ने माना, ब्रेविस से जुड़ा डीआरएस मामला टीम की हार में एक बड़ा कारण था
वैज्ञानिकों का बड़ा दावा: गाय से तीन गुना ज्यादा पौष्टिक हो सकता है कॉकरोच का दूध? 〥
बांग्लादेश अपनी नस्लों को याद दिलाना... भारत-पाकिस्तान तनाव के बीच बलोच नेता ने मुनीर को दिखाई औकात, 90000 फौजियों का सरेंडर दिलाया याद