जिले में सरकारी अनाज की सुरक्षा पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। एफसीआई (फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया) के गोदाम में आठ दिन से 21 करोड़ रुपए से अधिक मूल्य का 90 हजार क्विंटल राशन – जिसमें गेहूं और चावल शामिल हैं – पानी में डूबा हुआ है। खराब सिस्टम और अपर्याप्त लेचर व्यवस्था के कारण अनाज सड़ने लगा है और अब इसकी सड़ांध फैलने से महामारी फैलने का खतरा उत्पन्न हो गया है।
सूत्रों के अनुसार, गोदाम में पानी जमा होने की वजह से गेहूं और चावल गंदे और नमी से प्रभावित हो गए हैं। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और एफसीआई के जिम्मेदार अफसरों के लिए चिंता का विषय बन गई है। हालांकि, अफसरों की ओर से इस गंभीर समस्या पर कोई ठोस जवाब नहीं मिला है और उनका रवैया केवल बचाव और स्थिति टालने वाला प्रतीत हो रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों और राशन वितरण से जुड़े कर्मचारियों ने बताया कि पानी में डूबा हुआ अनाज अब सड़ने लगा है और उसकी सड़ांध पूरे गोदाम में फैल रही है। इसके कारण स्वास्थ्य के लिए गंभीर खतरा पैदा हो गया है। प्रशासन ने इस स्थिति को देखते हुए महामारी फैलने के अलर्ट तक जारी कर दिया है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यदि सरकारी अनाज सही तरीके से स्टोर न किया जाए और नमी या पानी के संपर्क में आए, तो यह न केवल खराब होता है बल्कि संक्रमण और बीमारियों का भी प्रमुख कारण बन सकता है। ऐसे हालात में प्रशासन और एफसीआई की जिम्मेदारी बनती है कि वह तत्काल कदम उठाकर अनाज को सुरक्षित स्थान पर स्थानांतरित करे और इसे बचाने का प्रयास करे।
एफसीआई के अधिकारियों ने फिलहाल कोई ठोस जवाब नहीं दिया है। ग्रामीणों और कर्मचारियों का आरोप है कि अधिकारियों की उदासीनता और लापरवाही के कारण अनाज का करोड़ों रुपए का नुकसान हो रहा है। यह केवल आर्थिक हानि ही नहीं है, बल्कि इससे सरकारी राशन वितरण प्रणाली और गरीब जनता की भरोसेमंदी पर भी सवाल उठते हैं।
स्थानीय प्रशासन ने हालात पर नियंत्रण पाने के लिए आपात बैठक बुलाई है। अधिकारियों ने कहा कि जल्द ही अनाज को सुरक्षित गोदामों में स्थानांतरित करने की योजना बनाई जाएगी। साथ ही, जांच की जाएगी कि कैसे इतनी बड़ी मात्रा का अनाज आठ दिन तक पानी में पड़ा रह सकता है और किस स्तर पर लापरवाही हुई।
विशेषज्ञों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि समय रहते इस स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया, तो न केवल महामारी फैलने का खतरा है बल्कि आसपास के क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न हो सकती हैं। प्रशासन को चाहिए कि वह तुरंत राहत और बचाव कार्य शुरू करे।
इस प्रकार, सुजानगढ़ में सरकारी अनाज का पानी में डूबना और सड़ना प्रशासन और एफसीआई के लिए गंभीर चुनौती बन गया है। करोड़ों रुपए के इस अनाज की सुरक्षा सुनिश्चित करना न केवल जिम्मेदारी है बल्कि सामाजिक और स्वास्थ्य दृष्टि से भी अत्यंत जरूरी है।
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