जयपुर की विशेष अदालत ने मंगलवार को 2008 के जयपुर सीरियल बम धमाकों के मामले में चार दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। चारों दोषियों सरवर आजमी, शाहबाज, सैफुर्रहमान और मोहम्मद सैफ को अदालत ने 4 अप्रैल को आईपीसी की विभिन्न धाराओं, गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम के तहत दोषी ठहराया था। यह मामला 13 मई, 2008 को चांदपोल में लगाए गए एक बिना फटे बम की बरामदगी से जुड़ा है। अदालत ने इस मामले में 600 पन्नों का फैसला सुनाया है। वहीं, सरकार की ओर से 112 साक्ष्य, 1192 दस्तावेज, 102 लेख और 125 पन्नों की लिखित दलीलें पेश की गईं।
2008 में हुए थे सिलसिलेवार धमाके
13 मई 2008 को जयपुर में आठ सिलसिलेवार धमाके हुए थे और नौवां बम चांदपोल बाजार स्थित गेस्ट हाउस के पास मिला था, जिसे धमाके से महज 15 मिनट पहले ही निष्क्रिय कर दिया गया था। कोर्ट ने इस मामले में सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, सैफुर्रहमान और शाहबाज को दोषी पाया और आज उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई।
इससे पहले दिसंबर 2019 में निचली अदालत ने जयपुर धमाकों के मामले में सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को फांसी की सजा सुनाई थी। वहीं, पांचवें आरोपी शाहबाज को संदेह के लाभ पर बरी कर दिया था। सजा पाने वाले चारों ने फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी थी। हाईकोर्ट की खंडपीठ ने 29 मार्च 2023 को चारों को बरी कर दिया और शाहबाज हुसैन को बरी करने के फैसले पर भी मुहर लगा दी।
71 लोगों की हुई थी मौत
शाम को हुए धमाकों में 71 लोगों की मौत हो गई थी और 185 लोग घायल हो गए थे। रामचंद्र मंदिर के पास एक जीवित बम बरामद किया गया, जिसे बम निरोधक दस्ते ने निष्क्रिय कर दिया।
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