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रामबन भूस्खलन पर फारूक अब्दुल्ला ने जताई चिंता, कहा- 'बहुत बड़ा नुकसान, केंद्र करे मदद'

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जम्मू, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने रविवार को जम्मू और कश्मीर के रामबन जिले में भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से हुए भारी नुकसान पर चिंता व्यक्त की।

उन्होंने कहा कि कई लोगों की जान चली गई, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा और कई वाहन मलबे में फंस गए। उन्होंने केंद्र सरकार से सहायता और मुआवजा देने का आग्रह किया।

फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा, "रामबन में भारी नुकसान हुआ है। तीन लोगों की मौत की खबर है। मलबे में कई वाहन फंसे हुए हैं। काफी नुकसान हुआ है। सुरंग के पास एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया है। बनिहाल में भी भारी नुकसान हुआ है।"

उन्होंने आश्वासन दिया कि जम्मू-कश्मीर सरकार द्वारा हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी और केंद्र सरकार को सहयोग के लिए आगे आना चाहिए।

उन्होंने कहा, "यह एक आपदा है और हम हरसंभव मदद मुहैया कराएंगे। हमने केंद्र से भी अनुरोध किया है कि वह इस आपदा से निपटने में हमारी मदद करे और नुकसान की कुछ हद तक भरपाई करें।"

भारी बारिश के बाद रामबन के वार्ड नंबर 2 में शान पैलेस इलाके में भूस्खलन के बाद कई वाहन और लोगों के फंसे होने की आशंका है। स्थानीय पुलिस और होटल के कर्मचारी तुरंत मौके पर पहुंचे और फंसे हुए लोगों को बचाया। घटनास्थल से मिले दृश्यों में वाहन मिट्टी, पत्थरों और मलबे में दबे हुए दिखाई दे रहे हैं। दुकानें और एक रेस्तरां भी क्षतिग्रस्त हो गए।

स्थानीय लोग छतों पर खड़े होकर नुकसान का आकलन करने की कोशिश करते देखे गए। अभी तक, फंसे हुए लोगों या अन्य हताहतों की सही संख्या के बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से सुप्रीम कोर्ट पर की गई टिप्पणी पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि लोकतंत्र के चार स्तंभ होते हैं। भाजपा सांसद को ऐसी बात कहना शोभा नहीं देता।

पश्चिम बंगाल हिंसा को लेकर उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जिस नफरत की आप बात कर रहे हैं, क्या आपने देखा कि वहां हिंदू और मुसलमानों के बीच किस तरह नफरत फैलाई जा रही थी? बुलडोजर का इस्तेमाल किया गया, मस्जिदों को ध्वस्त किया गया। आखिरकार मुसलमानों का क्या दोष था?

--आईएएनएस

एकेएस/सीबीटी

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