नई दिल्ली, 20 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) ने खतरनाक और अवैध ऊंची इमारतों के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू कर दिया है। दिल्ली के नेहरू विहार स्थित गली नंबर-1, शक्ति विहार की इमारत संख्या डी-26 को अवैध बताया गया है।
एमसीडी ने पूरे क्षेत्र में सर्वे शुरू कर दिया है। यह इमारत एक अवैध कॉलोनी में स्थित है, जहां पांचवीं और छठी मंजिल तक निर्माण कर लिया गया।
इससे कई सवाल खड़े हो गए हैं कि कैसे इतनी ऊंचाई तक अवैध निर्माण हो गया और संबंधित अधिकारियों की नजरों से यह कैसे बचा रहा। अब एमसीडी ने जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए हैं।
जूनियर इंजीनियर फैजान रज़ा, जो मार्च 2019 से अगस्त 2021 तक इस क्षेत्र में तैनात थे, अब उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है। उन्हें पहले भी अनुशासनात्मक कार्रवाइयों का सामना करना पड़ा था।
तीन अन्य अधिकारियों को भी दंडित किया गया है, उन्हें या तो सेवा से हटाया गया है या अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई है। वर्तमान में तैनात जूनियर इंजीनियर रवि कुमार सिंह को निष्पक्ष जांच के लिए भवन विभाग से हटाकर ज़ोन के एक अन्य विभाग में भेजा गया है और उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है।
एमसीडी ने इस क्षेत्र में अब तक 15 ऐसी इमारतों की पहचान कर ली है, जिनमें पांच या अधिक मंजिलें हैं और जो अवैध रूप से निर्मित हैं। इन पर शीघ्र ही सीलिंग और विध्वंस की कार्रवाई की जाएगी।
इसके अलावा, पास की संपत्ति संख्या 17, डी1 स्ट्रीट, डी-ब्लॉक, जिस पर 25 मार्च को पहले ही ध्वस्तीकरण आदेश जारी किया जा चुका है, अब जल्द ही ध्वस्त की जाएगी।
एमसीडी ने स्पष्ट किया है कि अवैध कॉलोनियों में किसी भी प्रकार के भवन निर्माण की अनुमति नहीं है और ऐसे निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। घनी आबादी वाले इलाकों में ऊंची इमारतें गंभीर खतरे का कारण बन सकती हैं। इसलिए एमसीडी का सर्वेक्षण अभियान जारी रहेगा और जो भी अवैध निर्माण पाए जाएंगे, उन पर तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
--आईएएनएस
डीएससी/सीबीटी
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